मुजफ्फरपुर (बिहार) की सड़कें, चौक और गलियारे शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के कोकिल कंठ की आवाज़, बांसुरी की तान और मजलिसों को याद करते हैं

अप्रतिम कथाशिल्पी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के पात्र जितने अलमस्त, जीवन की ऊर्जा से भरपूर और योद्धा प्रवृत्ति के हैं, उतने ही संवेदनशील व प्रेम के रस से सराबोर भी हैं। शरत के सृजन का मुरीद पूरा जहान है। इसी तरह मुजफ्फरपुर के लोग इस बात से गौरवान्वित हैं कि शरत ने उनके शहर की ज़मीन पर पूरे एक साल अहसासों के अनगिन इंद्रधनुष रचे हैं। यहां की फिजाओं में उनके कोकिल कंठ की आवाज़ गूंज चुकी है! शरत का इश्क भी यहां परवान चढ़ा। पिटाई तक हुई और जब लिखने की ओर प्रवृत्त हुए तो साहू पोखर के विशाल मंदिर के एक कोने में बैठकर कहानियां व उपन्यास रचे।

साधु की संगत और भिक्षाटन

मुजफ्फरपुर में ऐसे लोगों की कमी न थी, जो घुमंतू और फक्कड़ कथा-शिल्पी शरतचंद्र से चिढ़ते थे, वहीं उनके मुरीदों की संख्या भी खूब थी। कहते हैं, प्रेयसी निरदा के प्रेम में व्याकुल होकर शरतचंद्र घर छोड़ निकल पड़े थे, तब एक साधु को उन्होंने गुरु बना लिया था। साधु ने बार-बार कहा कि बेटा, घर लौट जा, यह पथ बड़ा ही दुर्गम है... लेकिन शरत नहीं माने। शरत की धुन पर मुग्ध साधु ने उन्हें गेरुआ वस्त्र और रुद्राक्ष देकर शिष्य बना लिया। साधु के सत्संग में शरत कुछ दिन रमे रहे, फिर सबकुछ छोड़छाड़ पहुंच गए मुजफ्फरपुर।

साल 1900 की घटना है। गेरुए रंग में रंगे शरत ने भिक्षाटन में भी संकोच नहीं किया। कुछ दिन इसी तरह खाते-पीते हुए स्टेशन के पास धर्मशाला में बिताए। एक दिन बंगाली क्लब "वीणा कंसर्ट'' में पहुंच गए और वहां जो व्यक्ति सबसे पहले मिला, उससे ठेठ हिंदी में बोले, "मुझे चिट्ठी लिखने के लिए पोस्टकार्ड चाहिए।'' पोस्टकार्ड मिल जाने पर कलम मांगी और एक तरफ बैठ चिट्ठी लिखने लगे। गेरुआ वस्त्रधारी को बांग्ला लिपि में चिट्ठी लिखते देख संस्कृतिप्रेमी प्रमथनाथ भट्ट ने परिचय पूछा तो शरत बोले, "मैं एक साधारण बिहारी मानुस हूं।'' प्रमथनाथ ने मुस्कराते हुए कहा, "ये सब रहने दीजिए। हम आपको पहचान गए। अपनी मातृभाषा में बात कीजिए।'' उनकी बात सुन शरत मुस्करा दिए।

सुर भरी बांसुरी से सम्मान

शरत बहुत अच्छी बांसुरी बजाते थे। धर्मशाला से गुजरते हुए एक दिन संगीत प्रेमी निशानाथ वंद्योपाध्याय सुरीली कंठध्वनि सुनकर उन्हें अपने घर ले आए। बड़े भाई शिखरनाथ से परिचय कराया तो वे हंसकर बोले- "जानता हूं, तुम्हारी भाभी ने इनके बारे में बताया था। ये कहानियां भी लिखते हैं।'' अब रोज संगीत की मजलिस जमने लगी। उसी मजलिस में ज़मींदार महादेव प्रसाद साहू से परिचय हुआ। फिर तो दोनों में जमकर छनने लगी। शरत देर रात निशानाथ के घर मदहोश होकर लौटते। आखिरकार, शरत को ये आसरा छोड़ना पड़ा। महादेव साहू सहारा बने। हालांकि उनके रिश्तेदारों ने शरत पर आरोप लगाया कि उन्होंने महादेव को पथभ्रष्ट कर दिया है। बावजूद इसके, दोनों की दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

अनगिन किस्से "गल्प गंधर्व'' के...

शरत सिर्फ लिखते नहीं थे, किस्सेबाज भी आला दरजे के थे। उनकी झूठी-सच्ची कहानियां सुनकर लोग अचंभे में रह जाते। एक बार महादेव साहू की मजलिस में उन्होंने कहानी सुनाई- "मैंने राणाघाट में पुलिस के हाथों से एक लड़की को मुक्त कराया और उसकी प्राणरक्षा की।'' कुछ लोग इस दावे की सत्यता परखने राणाघाट चले गए। वहां छानबीन की तो सब कपोल कल्पित निकला। इन्हीं बातों के चलते वे "गल्प-गंधर्व'' भी कहे जाने लगे। दिन मस्ती में कट रहे थे कि एक रोज शरत को राह से गुजरती हुई निरदा दिख गईं। वही निरदा, जिसके प्रेम में पागल होकर उन्होंने घर-द्वार छोड़ दिया। वे निरदा के पीछे-पीछे चल पड़े, बदले में पीटे गए। बेहोश शरत की चेतना जब लौटी तो खुद को महादेव के घर पाया। हालांकि इस घटना से भी शरत ने सबक नहीं लिया। शहर के एक अधिवक्ता की बेटी राजबाला के साथ उनका स्नेहिल रिश्ता चर्चा में रहा।

वीरेन नंदा

About Renu Devi, New Dy. CM of Bihar

Nitish Kumar was sworn in as the Chief Minister of Bihar for the fourth consecutive term on Monday, November 16. BJP’s Tarkishore Prasad and Renu Devi were also sworn in as deputy chief ministers. 

While Nitish Kumar needs no mention, the other two names particularly Renu Devi may not be familiar to many. But her political will and dedication have catapulted her to becoming the Deputy Chief Minister of Bihar.

Renu Devi belongs to the Nonia community which is classified as an Extremely Backward Class (EBC) and is considered to be a strong vote bank of Nitish Kumar's Janata Dal United.

Renu Devi has for a very long time been heading the BJP's women wing at the state and national level. Her appointment, therefore, is being seen by many as a reward for the role that women voters have played in NDAs victory in the recently concluded state assembly elections. 

Born in November 1959 Renu Devi joined the RSS after finishing her school. She is educated till Std. 12th. She worked in various capacities in the organisation and her role largely concerned the Bihar-Uttar Pradesh region.

In 1988 she was made a district coordinator of VHPs Durga Vahini- the women's wing.

The next year she was made the chief of BJP women's wing of the Champaran region. From here she began to gain strength and was soon made the chief of the women's wing of her party's Bihar unit.

In 2014 Renu Devi was made the party's vice-president and she continued to work in the capacity till she was sworn in as the Deputy Chief Minister of Bihar today. She has also been appointed deputy leader of BJP's legislature party.

Renu Devi contested her first election from the Nautan assembly constituency on a BJP ticket in 1995 and lost by a slim margin. She again fought the assembly election in 2000 on a BJP ticket and won by a margin of 10000 votes. She was also appointed as the minister of culture in the Bihar cabinet of 2007.

Renu Devi has been contesting the assembly election from the Bettiah constituency since 2000 and has won all elections barring 2015 in which she lost by a margin of 2000 votes to the Congress candidate. 

Source: DNA

बिहार का खाना: पटना की चन्द्रकला मिठाई | Patna's Chandrakala Mithai: Bihar Cuisines


रामायण की कुंभकर्ण को जगाने के प्रयत्नों वाली कथा का नया विस्तार पटना में घूमते हुए मिल जाएगा। यहां के दुकानदार बताएंगे कि असल में कुंभकर्ण रावण के किसी उपाय से नहीं जागा तो आखिर में उसके लिए एक खास मिठाई लंकापति ने बनवाई। उसकी गंध मिलते ही कुंभकर्ण जाग गया। पटना के लोग चंद्रकला को ही वो खास मिठाई बताते हैं, जो कुंभकर्ण को जगाने के लिए पहली बार बनवाई गई थी।

अब चंद्रकला लंका से सीधे पटना कैसे पहुंच गई और यहां की पहचान किस तरह बन गई, इसका रहस्य खोजा जाना बाकी है। खैर! दंतकथाओं या मिथकों की अपनी रोचकता होती है और दायरा भी। रावण ने चंद्रकला मिठाई बनवाई थी या नहीं, कुंभकर्ण इसी के प्रभाव से जागा था या नहीं, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन इतना हर बिहार प्रेमी समझता है कि पटना की पहचान वाली मिठाई चंद्रकला ही है।

चंद्रगुप्त के समय का स्वाद

कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि चंद्रकला को रावण की मिठाई कहकर बदनाम न करें, ये राजा चंद्रगुप्त के काल की मिठाई है। जैसा कि नाम से संकेत मिलता है, चंद्रगुप्त की पसंदीदा मिठाई है, इसीलिए इसका नाम चंद्रकला है। इन कहानियों को परे कर चंद्रकला की बनावट-बुनावट और स्वाद को समझें। इसका सीधा रिश्ता-नाता बनारस की लवंगलता या पेंड़किया-गुजिया वाले कुल-खानदान से जुड़ा मिलता है। सारी सामग्री वही, विधि भी एक जैसी, बस थोड़ा-सा अंतर इसे विशिष्ट बनाता है। बनारस में जो लवंगलता मिलती है, वो रस से सराबोर नहीं रहती, बल्कि रस में डुबाकर फिर तलहटी में थोड़ा रस रखकर उसे सजाया जाता है। बनावट अलग होती है और लौंग जाल दी जाती है, इसलिए उसे लवंगलता कहते हैं। खोए वाली पेंड़किया या गुझिया भी चंद्रकला की तरह है, लेकिन दोनों की बनावट अलग है। इसी परिवार में एक और मिठाई का आगमन हाल के वर्षों में से हुआ है। वो है- मीठा समोसा, खोया समोसा। यूं चंद्रकला इनसे थोड़ी अलग है। वो रस में डुबकियां लगाती रहती है। ताजा लें, ताजा खाएं तो गरमागरम रहती है। और फिर आकार-प्रकार भी है- चांद की तरह गोल-मटोल।

मैदा, खोया और ड्रायफ्रूट

चंद्रकला तैयार करने की विधि सरल है। मैदे का आटा तैयार कर अंदर खोया भरते हैं। खोए में चाहें तो ड्रायफ्रूट मिला दें। इसके बाद उसे तल लेते हैं। चंद्रकला बनाने के लिए छोटी कचौड़ी के आकार के बराबर दो गोलाकार बेल लें और फिर उसके बीच खोया भरकर, दोनों को आपस में जोड़ने के साथ चारों तरफ से मोड़ लें, ताकि उसका सौंदर्य निखर जाए। ये प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब चंद्रकला को घी में तल लें और पहले से तैयार, चीनी की गाढ़ी और गर्म चाशनी में डुबकियां लगाने के लिए डालते जाएं।

ये तो एक विधि है। पटना की पहचान वाली चंद्रकला ऐसे ही बनती है, इसी रूप में मिलती है, लेकिन नए दौर में बड़ी दुकानों पर पहुंचकर चंद्रकला मिठाइयों के एलीट क्लब में शामिल हो गई है। यहां चंद्रकला रस में सराबोर न रहकर, सूखी मिलती है। मिष्टान्न विक्रेता सिर्फ एक बार चाशनी में डुबाकर चंद्रकला को बाहर निकाल लेते हैं और फिर सुखाकर रख लेते हैं, ताकि लंबे अरसे तक इसकी बिक्री की जा सके।

निराला बिदेसिया

Bihar Shows Good Covid Recovery Rate, Ranks Third in India

Data shared by the Union health ministry has placed Dadra and Nagar Haveli/Daman and Diu at the top of the list with a recovery rate of 88.90%, followed by Delhi at 88.50% and Bihar at the third position with 87.90%. Tamil Nadu is ranked fourth with a recovery rate of 86.20%.

In the past 24 hours, altogether 1,572 people have recovered from Covid-19 in the state of Bihar, taking the tally of cured people to 1,24,976 people. [Reference

It may appear surprising that why recovery rate in Bihar is so high; because normally it was being thought that better medical facilities and good hospitals are needed for high recovery rate (as it has been said in connection to Delhi also). Bihar may not boost of great hospitals and infrastructure but it can be thought of that the immunity level of the population must be high. It speaks good about the state of health of Bihar's population. 

Both government of Bihar and Central Government need to be applauded for Bihar's good performance and we hope that the state keep showing good results in containing the corona virus pandemic. 


पटना के महावीर मंदिर के शुद्ध देसी घी से जलेगा अयोध्या में श्री रामलला का अखंड दीप

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के अस्थायी मंदिर में अखंड दीप जलाने का कार्य शुरू हो गया है। अभी दीप सामान्य घी से जल रहा है। महावीर मंदिर न्यास समिति, पटना की ओर से रामलला का अखंड दीप गाय के शुद्ध देसी घी से प्रज्ज्वलित करने का निर्णय लिया गया है। 

दीप जलाने के लिए शुद्ध घी का उपयोग करने का सुझाव

समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मंदिर न्यास ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय व श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को अखंड दीप जलाने के लिए शुद्ध घी का उपयोग करने का सुझाव दिया था। 

गाय के शुद्ध देसी घी का किया गया प्रबंध

आचार्य ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से अनुमति मिलने के बाद महावीर मंदिर पटना ने गाय के शुद्ध देसी घी का प्रबंध किया है। नैवेद्यम प्रसाद बनाने के लिए कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का नंदिनी घी बेंगलुरु से मंगाया जा रहा है। इसी तर्ज पर बेंगलुरु से गाय का शुद्ध देसी घी मंगवा कर इसका उपयोग अखंड दीप जलाने के लिए किया जाएगा। अनंत चतुर्दशी के दिन से बेंगलुरु से मंगाए जा रहे घी का उपयोग किया जाएगा। अखंड दीप जलाने के लिए 25 टिन अर्थात 375 किग्रा घी बेंगलुरु से आया है। अनंत चतुर्दशी पर होने वाली पूजा-अर्चना व अखंड दीप प्रज्ज्वलन के समय वे अयोध्या में मौजूद रहेंगे। 

रामलला को लगता है 'गोविंद भोग' चावल का भोग

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया, महावीर मंदिर पटना का रामलला से गहरा जुड़ाव रहा है। रामलला को भोग लगाने के लिए मोकरी के गोविंद भोग चावल का उपयोग किया जाता है।  महावीर मंदिर ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये देने की बात कही है। उसमें से दो करोड़ रुपये दो अप्रैल को ही चेक द्वारा दिए जा चुके हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण में महावीर मंदिर का भी अहम योगदान होगा। 

Dainik Jagran 

बिहार दर्शन: गया में फल्गु नदी के पास स्थित विष्णुपद वेदी | Vishnupad Vedi near Falgu River at Gaya: Bihar Darshan

गया की फल्गु नदी के पास पितरों की आत्मिक शांति के लिए तर्पण करने की पवित्र व पुनीत परंपरा है। यहीं पर ‘विष्णुपद वेदी'' स्थित है, जहां जीवित व्यक्ति भी अपना पिंडदान कर सकते हैं...

विष्णुपद वेदी में मिलेगी मुक्ति...

गया इस अर्थ में बहुचर्चित और प्रतिष्ठित है कि यहां पुरखों का पिंडदान किया जाता है। फल्गु नदी के पास स्थित विष्णुपद वेदी के चलते इस स्थान की महत्ता बहुत अधिक है। मान्यता है कि धार्मिक अभिरुचि वाली दो बहनों- ‘मरीचि’ और ‘धर्मवार्ता’ ने कठिन तप कर सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया। ब्रह्मा जी ने वरदान दिया, जिससे धर्मवार्ता ‘धर्मशिला’में परिवर्तित हो गईं और उन्हें भगवान विष्णु के साथ पूजे जाने का गौरव मिला।

धर्मशिला तले है गया

कहते हैं कि विष्णु जी की कृपा से राक्षसराज गयासुर को ‘धर्मशिला’ के नीचे निवास करने की जगह मिली। यहां विष्णु का दाहिना पैर टिका है। गयासुर को भगवान विष्णु का वरदान मिला कि इस स्थान को ‘पितरों का तीर्थ’ माना जाए। मान्यता ये भी है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भाई भरत ने यहीं पर पितरों की मुक्ति के लिए पूजा की थी। जनश्रुति के अनुसार, कोई भी व्यक्ति इस जगह पर नियमित तौर पर एक महीने तक विष्णु जी को तुलसीदल अर्पित करे तो उसे प्रभुकृपा प्राप्त होती है।

ऐतिहासिक महत्व का पूजास्थल

शुरुआत में विष्णुपद वेदी का भवन सुर्खी और चूने से बनाया गया था। तकरीबन 250 साल पहले इंदौर की तत्कालीन महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने भवन का जीर्णोद्धार कराया, इसके बाद पूजास्थल को वर्तमान स्वरूप मिला। गर्भगृह के बीचो-बीच एक वृत्ताकार स्थान पर सभी प्रतीक चिह्--नों और रेखाओं के साथ विष्णु के दाहिने पद (पैर के तलवे) का आकार उकेरा गया है।

खास बात ये कि गर्भगृह में किसी भी प्रतिमा की स्थापना नहीं की गई है। गयासुर के शरीर पर स्थापित धर्मशिला और उसके ऊपर विष्णु के दाहिने पैर का निशान है, इसलिए इसे वेदी की संज्ञा मिली। गर्भगृह से जुड़ा विभिन्न स्तूपों का बड़ा-सा बरामदा है, जहां तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए प्रवेश मार्ग बनाया गया है।

PM CARES to fund two 500-bed Makeshift Covid hospitals in Bihar

There is a very good news for people in Bihar. Central Govt's initiative called "PM Cares Fund" will be funding construction of two makeshift Covid19 specialized treatment hospitals in Bihar. The hospitals will 500 beds each. One such makeshift hospital will be in Patna and another in Muzaffarpur. The Patna hospital is inaugurated today and Muzaffarpur hospital will be inaugurated soon. 

You can read detailed news about this event here on TOI. 



About IPS Vinay Tiwari, SP, Patna (Central)

Vinay Tiwari is a young IPS Officer who is currently in news due to Sushant Singh's death probe. Vinay Tiwari is Patna (Central) Superintendent of Police. 

Vinay Tiwari was born in UP. He has an impressive academic career. Before joining civil services, he completed his civil engineering course from IIT-BHU and worked as an assistant manager in JSPL in the final year of his engineering course.

In 2019, Tiwari became the SP of Patna Central. Recently, he came to news for his penchant in writing and reciting after he released his poem recitation on Coronavirus. Reports said he is also writing a book titled Mathematics and Principal of Life.

Check out his tweet at: https://twitter.com/IPSVinayTiwari/status/1287411018876911617

Follow him on Twitter at: https://twitter.com/IPSVinayTiwari

बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी: 31 जुलाई को होगा महात्मा गांधी सेतु के एक लेन का उद्घाटन

बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी जल्द ही मिलने वाली है . उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को एक सूत्र में बांधने वाला महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu) पर बहुत जल्द ही आवागमन शुरू होने वाला है. बता दें कि महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन पर मरम्मत का काम जारी था और अब से पूरा होने के बाद आवागमन जल्द ही शुरू होने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आगामी 31 जुलाई को इसका उद्घाटन कर सकते हैं. अब महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन, मतलब एक लेन बनकर तैयार है.

गांधी सेतु की मरम्मत का निर्णय साल 2014 में मोदी सरकार ने लिया था. 1383 करोड़ रुपये की इस परियोजना को साल 2018 तक ही पूरा करने का लक्ष्य तय हुआ था. गंगा नदी में बाढ़ सहित अन्य कारणों से इसमें विलंब होता रहा. अब इसके पश्चिमी लेन पर आवागमन शुरू होने से जेपी सेतु पर दबाव कम होगा साथ ही भारी वाहनों का भी आवागमन फिर से गांधी सेतु से होकर शुरू हो सकेगा. पश्चिमी लेन का काम पूरा होने के बाद पूर्वी लेन की मरम्मत का काम भी शुरू होगा

बिहार के लोग: सुशांत सिंह राजपूत (अभिनेता) | Sushant Singh Rajput: Famous Bihari People

Actor Sushant Singh Rajput died yesterday in Mumbai; allegedly due to suicide. He died at the age of only 34. Whole country is shocked at his untimely demise. The actor who did a role preaching others against suicides would commit suicide himself, is beyond belief for most people. At the same time, we remember his life, achievements, and legacy. 

Sushant Singh Rajput was born on January 21, 1986, in Patna, Bihar to parents to Krishna Kumar Singh and Usha Singh. His ancestral home is in Bihar's Purnia district. One of his sisters, Mitu Singh, is a state-level cricketer. 

Sushant did his schooling from St. Karen's High School in Patna and then from Kulachi Hansraj Model School in New Delhi. Sushant Singh Rajput was brilliant at studies and cleared 11 engineering entrance examinations. In 2003, he secured 7th rank in the Delhi College of Engineering (DCE) Entrance Exam and got admitted in B.E. Mechanical Engineering. Sushant was also a National Olympiad Winner in Physics. At Delhi College of Engineering, he actively participated in theatre. Later, he dropped out of college to pursue his acting career. 

Sushant Singh Rajput started his show business career with television serials. His debut show was Star Plus's romantic drama Kis Desh Mein Hai Meraa Dil (2008), followed by an award-winning performance in Zee TV's popular soap opera Pavitra Rishta (2009–11). 

Sushant made his film debut in the buddy drama Kai Po Che! (2013), for which he received a nomination for the Filmfare Award for Best Male Debut. He then starred in the romantic comedy Shuddh Desi Romance (2013) and as the titular detective in the action thriller Detective Byomkesh Bakshy! (2015). His highest-grossing releases came with a supporting role in the satire PK (2014), followed by the titular role in the sports biopic M.S. Dhoni: The Untold Story (2016). For his performance in the latter, he received his first nomination for the Filmfare Award for Best Actor. Sushant went on to star in the commercially successful films Kedarnath (2018) and Chhichhore (2019).

His untimely death is a shock to the whole nation. Here is a newspaper clipping published in today's Dainik Bhaskar about his last visit to his native village in Bihar: 

Entire nation is proud of your life and achievements, Sushant! People from Bihar are proud of you! Only, we do not yet believe that you would ever commit suicide! 

Om Shanti! Om Shanti! Om Shanti! 

Ashok Kumar: Sand Artist from Bihar: Famous Biharis


Brutal death of a female elephant in Kerala has created shock waves all across the country. People have expressed various emotions including grief, disgust and anger after coming to know about the news. The female elephant who was also pregnant, was given crackers laden pineapple fruit to eat by some locals in Malappuram, Kerala, which broke her jaws. The injured elephant went to the river and stood there for 3 days in water till her death.

Ashok Kumar, a sand artist from Bihar has created his sand art dedicated to the female elephant and her unborn kid. You can check the news article about this here on DNA

Ashok Kumar is a budding sand artist who makes sand art on the banks of river Saryu. He is not only a sand artist, but is also a trained diver of National Disaster Relief Force (NDRF) and State Disaster Relief Force (SDRF). He belongs to Nawaji Tola Dharmsala village. You can read more about him in this HT news article

News: People from Mizoram laud people of Bihar for kindness to train passengers

The Mizo community lauded the gesture of villagers in Bihar who provided fruits and prepared food for the people of northeast, mostly from Mizoram, at a stationary train near Begusarai.

Videos of local people trooping in and handing out packets and baskets containing food to the passengers were widely shared on social media by Mizos and other communities in the northeast.

Mizoram’s Chief Minister Zoramthanga tweeted about the gesture.

“Few days after stranded Mizos offers their food to flood-affected victims on their way back, a brief halt of their Shramik Special Train at Begusarai, Bihar witnessed good Samaritans offering them food in return! Goodness for goodness. India is beautiful when flooded with love,” he wrote.

Mr. Zoramthanga’s tweet has been appreciated by people in Mizoram and Bihar alike.

News: Viktor Zicho: A Hungarian Stuck in Bihar due to Lockdown Restrictions

Hungarian Cyclist Viktor Zicho has been stranded in Saran, Bihar due to Lockdown related restrictions. Government officials have offered to book him a ticket back to his country, but Viktor insists that he must be allowed to go to Darjeeling as per his original plan! 

Here is an interesting article about this on Rediff.




Viktor has also been posting interesting pictures from his quarantine-life in Bihar. 

Check this out. 


बिहार का इतिहास: पटना का खुदाबख्श पुस्तकालय | Khudabaksh Library of Patna: History of Bihar


बिहार के लोग: राजेश कुमार (अभिनेता) | Rajesh Kumar (Actor): Famous Bihari People


Rajesh Kumar is an Indian actor, best known for his role as Subodh Thakkar in the Star Plus hit comedy-drama series Baa Bahoo Aur Baby and as Rosesh Sarabhai in Star One hit sitcom Sarabhai vs Sarabhai and the sequel Sarabhai vs Sarabhai: Take 2. Born on 20th January 1975, he is from Patna, Bihar. He is an alumnus of Hindu College, University of Delhi. You can read more about him on the Wikipedia page

His list of work is best described here

He appeared in television series like Kkusum, Kaun Apna Kaun Paraya, Des Mein Niklla Hoga Chand, Ek Mahal Ho Sapno Ka and more. He was featured as Rosesh, a theatre artist and poet in the anthology sitcom, Sarabhai vs Sarabhai in 2004. Rajesh became popular for his nasal accent and terrible poetry. In 2005, he played as Subodh Thakkar in the very popular primetime series, Baa Bahoo Aur Baby on STAR Plus. He also joined the reality show, Comedy Circus 2 along with Rajeev Nigam in 2008. Later, he donned the role of Dristhdumn Sarveshwar Sharma on SAB TV’s Mrs. & Mr. Sharma Allahabadwale. Rajesh also acted as Vicky in the comedy show, Bhootwala Serial on SAB TV. In 2011, Rajesh was starred as Chintu Dwivedi in the comedy series, Chintu Chinki Aur Ek Badi Si Love Story on SAB TV. He was also part of the action crime series, Arjun in 2012. Recently, he played as Dara Koyla in the horror comedy series, Pritam Pyare Aur Woh. He also acted in the main lead role as Laal Singh in the fictional comedy series, Tu Mere Agal Bagal Hai and Yam Kisi Se Kam Nahin in 2014.

Rajesh also acted in the Bollywood film, Men Will Be Men which stars Gaurav Chopra, Zeenal Kamdar and Rohit Khurana in 2011. He was also cast in the drama film, Super Nani which was produced and directed by Indra Kumar in 2014. Prior to this, he also works in few scenes of the Marathi film, Rang Birangi under the direction of Rajendar Bade.

There is a recent news that Rajesh Kumar has gone back to Bihar and started "spiritual farming. News titled, "Rajesh Kumar, Better Known As Rosesh, Has Left Mumbai To Turn Barma Into A Smart Village" mentions: 

Rajesh is working towards making Barma, a small village in Bihar, a smart village. He has chosen to use 'zero-budget spiritual farming' for for sustainable development. He also helped the village get electricity by persistently calling and taking a follow up with the electricity department. You can read more about this here

We are proud of you, Rajesh! Bihar is proud of you!